अब चुप सी रहती है उनकी आँखें,
आवाज़ नहीं अब सुनी है उनकी सांसे,
बहुत ही विरान है मिट्टी उनकी-
अब उखड़ी-उखड़ी सी है मेरी रातें,
दिल तो बहल जाता है उनको देखकर,
अब उनसे नहीं होती कोई बातें...मनोज
आवाज़ नहीं अब सुनी है उनकी सांसे,
बहुत ही विरान है मिट्टी उनकी-
अब उखड़ी-उखड़ी सी है मेरी रातें,
दिल तो बहल जाता है उनको देखकर,
अब उनसे नहीं होती कोई बातें...मनोज
Bahut Badhiya....
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