आज आँखों में कुछ नमी सी है,
लगता है घर में बारिश हो रही है,
उडती हवाओं की तबीयत ढीली सी है..,
लगता है उलझी हुई कोई पहेली सी है,
मैं घर से दूर कभी रहता नहीं..
चौराहें में यूँ ठहरता नहीं..
आज अँधेरी हो चुकी है राहें,
लगता है घर की रोशनी कहीं दूर है.......मनोज
लगता है घर में बारिश हो रही है,
उडती हवाओं की तबीयत ढीली सी है..,
लगता है उलझी हुई कोई पहेली सी है,
मैं घर से दूर कभी रहता नहीं..
चौराहें में यूँ ठहरता नहीं..
आज अँधेरी हो चुकी है राहें,
लगता है घर की रोशनी कहीं दूर है.......मनोज