इक बार देखता हूँ तो..
बार-बार मन करता है..
इस बार नहीं..
ये हर बार करता है..
फिर..
कुछ अपने आपको.,
रोज इसी तरह..
हर बार करता हूँ,
इक बार देखता हूँ तो.,,,,,,,,,,
धड़कने रुक जाती है..
कहते हैं लोग..
ये एहसास करता हूँ..
सो बार संभलता हूँ..
सो बार फिसल जाता हूँ
रोज इसी तरह..
हर बार करता हूँ,
इक बार देखता हूँ तो.,,,,,,,,,,
----मनोज--
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